एक खाली कमरा देखते हैं जिसमे 10 लोग बहुत ही बुरे हाल में होते हैं. इन्हें इस कमरे में रहते हुए लगभग एक हफ्ता हो गया था. सभी के सभी अधमरी अवस्था में लेते हुए होते हैं.
कमरे की हालात बहुत ही ख़राब था . कमरे के अंडर काफी बदबू आ रहा था क्योंकि कमरे में लोगो के मल- मूत्र से भरी बोतले और पॉटी से भरे पोल्य्थिने थे. इस पुरे कमरे में कोई भी टॉयलेट नहीं था. बदबू से पूरा कमरा भरा हुआ था काफी समय से रखे होने के कारण बोत्त्लो और पोल्य्थिने से बदबू बहार आ रही थी.
इस कमरे में टोटल 10 लोग बचे थे. शुरुआत के दिनों में इसमें कुल 40 लोग थे जोकि धीरे- धीरे इस घर को छोड़ कर चले गए. तो ये दस लोग इस कमरे में इतनी परेशानी के साथ क्यूँ हैं. चलिए जानते हैं .
इस कमरे रह रहे लोग एक गेम का हिस्सा हैं. जिसमे इन्हें दस दिन तक रहना था. शुरुआत में इस गेम के लिए 40 लोग आये थे.
इस गेम के नियम कुछ इस प्रकार के थे.
आप जितना चाहे उतना सो सकते हो पर बात नहीं कर सकते किसी से भी बात किये तो आप इस गेम से बहार कर दिए जायेंगे.
जितने लोग भी इस कमरे में लास्ट तक रहेंगे वही जीतेंगे.
खाना भी इसी कमरे में ही बना होगा.
उन सभी को जो भी करना हैं इसी कमरे में करना होगा जब तक वो यहाँ पर हैं.
आप लोगो ने ऐसे खेळतो बहुत देहे होंगे पर इतना गन्दा नहीं जहाँ इस तरीके से लोगो रहना पड़ता हैं.
क्या इस खेल में हिस्सा लेने वालो को ढेर सारा पैसा मिलता हैं ?
एक हफ्ता पहले.
हमें एक बड़ी फार्म कंपनी की बिल्डिंग दिखाई जाती हैं. जिसके एक बड़े कैंपस में ढेर सरे लोग होते हैं. जिनको यहाँ पर मजदूरी करने के लिए लाया हुआ होता हैं. सभी को लाइन लगाने के लिए कहा जाता हैं.
एक लाइन में वो लोगो को लागना था जो महीने में 10000 रूपए मिलेंगे और एक अलग से लाइन लगा रहे थे जहाँ पर लोग दस दिन में ही 10000 रूपए मिलेंगे. तभी एक आदमी कंपनी के आदमी से सवाल करता हैं की दस दिन वाले काम में जयादा मेहनत करना होता हैं क्या?
कंपनी का आदमी हाँ करके जवाब देता हैं उसके माथे से पसीना बहता हैं. फिर वो कहता थोडा बहुत जब पैसा ज्यादा मिलेगा तो काम भी ज्यादा ही करना होगा ना. लेकिन सिर्फ चालीस लोग ही इसमें आयेंगे
सभी लोग आपस में बात करने लागते हैं की किस्मे जाना हैं. तभी हम दो लोगो को दिखाया जाता हैं. जिनमे से एक का नाम होता हैं. बेंगा औ एक का नाम होता हैं गोंगु दोनों के दोनों बात कर रहे होते हैं की किस्मे जाना हैं
बेंगा (32 ) बड़े कद का आदमी, सांवला सा था दिल बिलकुल साफ़, वो कहता हैं की हमें महीने बाले में जाना चाहिए. "हमरा ज्यादा धन नय कमाना हैं "
तभी गोंगु उसपर चिल्लाता हैं "पागल हो गेन्ही हैं की तो" यहाँ हम पैसा कमाने आये हैं रहने नहीं पैसा कमाना हैं ज्यादा से ज्यादा मेहनत करना पड़ेगा और क्या करेंगे.
गोंगु,(28 ) सांवला सा माध्यम चेहरे वाला आदमी फटे पुराने कपडे पहन रखे थे उसने जो जींस पहनी हुई थी वो काफी गन्दा था. बेंगा से जिस तरह से वो बात कर रहा था उसे देख कर तो यहीं लग था गरम दिमाग का आदमी हैं.
बेंगा को भी उसकी बात मानना पड़ता हैं. वो दोनों उस लाइन में चले जाते हैं जिसमे उन्हें ज्यादा पैसा मिलेगा उनके उस लाइन में कूल 40 लोग हो जाते हैं. जिसके बाद उन सभी को अंदर ले जाया जाता हैं.
उन सभी को नहाने के लिए कहा जाता हैं. जिसके बाद वो सब नहाते हैं उनके लिए कपडे दिए जाते हैं जो वो पहन लेते हैं. उसके बाद खाने के लिए हाल में लाया जाता हैं. उन सभी को अच्छा खाना दिया जाता हैं
खाना देख के बेंगा कहता हैं की बड़ा ही अच्छा जगह ले आया दोस्त यहाँ बहुत ही अच्छा हैं
गोंगु , हमारी बात माना कर तो मौज करेगा
फिर सभी को एक बड़े कमरे में लाया जाता हैं और उन्हें बाते जता हैं की अआप सभी को इसी कमरे में रहना हैं 10 दिनों तक
उनमे से एक आदमी पूछता हैं की काम क्या करना हैं?
तो जबाब में उन्हें बस यही मिलता हैं की बस रहना हैं दस दिनों तक और कुछ भी नहीं. खाना पीना सब यहीं बनाना हैं यही खाना हैं 10 दिनों तक रहिये आराम से उनके जाते ही गेट बंद हो जाता हैं. और सभी के सभी बहुत खुश होते हैं की कितना अच्छा बात हैं बस रहने के लिए पैसे मिलते हैं. अब सब खुश थे सभी के सभी वहीँ जमीन पर सो जाते हैं दबा के खाया पिया था सभी लोगो ने नींद भी अछि आ रही थी सभी के लिए एक चद्दर और एक तकिया दिया गया था.
नींद से धीरे- धीरे सभी उठते हैं तौ उन्हें एक बात पता चलता हैं की जब एक आदमी को पेशाव लगा होता हैं तो वोइधर उधर घूमता हैं की करना कहाँ पर उसे समझ में नहीं आता तो वो जोर से बोलता हैं की कहा पर करना हैं तभी उसे आवाज आता स्पीकर से
आपके कमरे जो बड़ी और छोटी बोतले और पोल्य्थिने रखे हुए हैं आपको उन्ही में करना होगा सब कुछ करना होगा उसकेलिए कोई अलग से व्यस्था नहीं है.
तभी उनमे से एकादमी पूछता हैं की कर तो लेंगे पर धोयेंगे कैसे इस पानी
फिर से आवाज आता हैं नहीं पानी से नहीं पोच्च्ने के लिए पेपर के कई बंडल दिए उनसे पानी को बर्बाद नहीं करना हैं पानी आपके खाने और सिर्फ बनाने के इस्तेमाल के लिए हैं. जोभी पानी बर्बाद करेगा उसे इस कमरे से निकाल दिया जाएगा
सभी लोग बाते करने लगते ये कैसे होगा हमें तो आदत ही नहीं हैं.
बेंगा भी गोंगु से पुछ्हता हैं कैसे करेंगे
गोंगु कहता हैं,
"मारे मन मन, सुखाबे पेट, तब जाके होबे टका से भेट .
हमें पैसे मिल रहे हैं कुछ तो करना ही होगा न उसके लिए. बेंगा बेचारा परेशान होता फिर भी उसकी बात सुनके शांत दीखता हैं.
किसी तरह उनका एक दिन बित गया था.
अगले दिन सभी लोग अपना अपना - अलग समूहों में बट जाते हैं. सभी चीजो का बटवारा कर लेते हैं. इनमे से एक समूह का मुखिया बेंगा को बना दिया जाता हैं क्योंकि वो पढ़ा लिखा होता हैं. असल में तो गोंगु जो कहता बेंगा वहीँ करता था. सभी समुहोने आपस में सभी चीजो को बाट लिया था औ अछे से रहने लगे थे लेकिन उहे पता था की ये सब जल्दी ही ख़तम हो जाएगा. होता भी ऐसे ही हैं.
चौथे दिन से ही उन्हें कई चीजे की कमिहोने लगती हैं साथ ही साथ खाने पिने की भी कमी होने लगी कई लोग इस कमरे को छोड़ने का सोच भी चुके थे.कई लोग ऐसी जगह पर नहीं रहना चाहते थे क्योंकि उन्हें आदत नहीं थी इस लिए कई लोग इस घर को छोड़ देते हैं. इतने पैसे के लिए इतना कौन सहे
कमरे के अंदर दुर्गन्ध भी फ़ैल रहा था उनके मॉल मूत्र रखने के लिए चीजो की कमी हो रही थी जो उनके पास था उसी में उन्हें देखना था.
लोगो का हालात बहुत बुरा हो चूका था. उनकी ऐसी हालात थी की वो एक दुसरे से लड़ाई भी नहीं करते और घर छोड़ कर चले जाते और दुसरो को भी कहते हैं इतना कम पैसे के लिए जान क्यों देना चलो जान बची तो बहुत पैसा कम लेंगे. लेकिन वो नहीं मानते
कहते, बैठे- बैठे कौन पैसा देता हैं. हम यहीं रहेंगे
सातवे दिन.
सिर्फ 10 लोग ही बचे थे बाकि सब घर छोड़ कर जा चुके थे.उनमे से भी एक सुबह में ही घर छोड़ कर जा रहा था. सब की हालात बहुत ख़राब हो रहीं थी अब वोअपने जगह से उठ भी नहीं पा रहे थे भूख से उन्होंने काफी समय से कुछ नहीं खाया था. घर में दुर्गन्ध के वजह से और खाना खाया भी नहीं जा रहा था उनकी हालात काफी ख़राब थी.
बेगा गोंगु से कहता हैं चल भाई यहाँ से
गोंगु उसे कहता हैं चिंता मत कर ऊपर वाला हैं हम ऐसे नहीं जायेंगे. जबकि गोंगु की हालात बहुत ही ख़राब हो रहीं उसे गन्दी दुर्गन्ध की वजह से जो मॉल मूत्र की वजह से आ रहीं थी वो उस पुरे कमरे में जहरीली हवा का काम कर रहीं थी. गोंगु को भूख लग रहा था उसकी हिम्मत उसे जबाब दे रहीं थी.सभी के सभी लेते हुए थे थे ठिक से किसी को भी पता नहीं चलता की कौन किस हाल में हैं.
गोंगु अचानक से उठता हैं और गुस्से और भूख से वो पागल हुआ रहता हैं उसे भूख इस तरह लगा होता हैं की वो उठते ही सीधा खाने कीऔर देखता खाने को जब उसे कुछ भी नहीं मिलता तो वो मलमूत्र की और देखता हैं जैसे वो अब इन्हें खायेगा और पिएगा होता भी ठीक ऐसा ही हैं. गोंगु उन बोत्त्लो और पोल्य्थिनो मलमूत्र निकाल कर खाने लगता हैं पुरे शारीर में इन सभी को लगाने लगता हैं पागलो के जैसे वो हरकते करने लगता हैं. वो पुरे कमरे में में गंदगी को फैला लोगो से कहता हैं आओ और खाओ पियो ये सब जब कोई भ ऐसा नहीं करता तो वो उन सभी को मारने पीटने लगता हैं वो सभी को बहुत बुरी तरह से पिटता हैं बेंगु ये सब देखकर कर एक साइड में हो जाता हैं. गोंगु सभी को पागलो की तरह पीटने लगता हैं. अपने बड़े बड़े नाखुनो से कइयो के चेहरे पर नोच दता हैं जिससे उन लोगो का चेहरे से काफी खून बहता हैं उन लोगो की हालात बहुत ही बुरी हुई रहती हैं. पुरे कमरे में रोने की आवाजे ही सुनाई देती हैं.
THE ROOM
हम एक वार्ड देखते हैं जिसमे सभी लोगो का इलाज चल रहा होता हैं. जहाँ गोंगु सोया होता और अचनाक से आँख खुलती हैं और वो चिल्लाने लगता हैं. कहता हैं मैं नहीं मरूँगा , मैं नहीं मरूँगा
बेंगा उसे समझाता हैं पर गोंगु उसे जैसे- तैसे शांत करने की कोशिश करता हैं चुप हो जाओ तुम जिन्दा हैं जब वो नहीं समझ रहा होता हैं हैं तो वो जोर से चिल्लाता हैं "चुप हो तो जिन्दा ही
फिर गोंगु शांत हो जाता हैं और बेंगा उसे बताता हैं की हमें यहाँ पर लाके छोड़ दिया उसी रात के 12 बजे के बाद हम सभी लोग बेहोश हो गए थे हमारा यहाँ इलाज चल रहा हैं तीन गो के तो पता नहीं किस जगह पर रखा हैं. बाकी सब हम यहाँ पर ही हैं
गोंगु तुरंत पूछता हैं अब हमें पैसे नहीं मिलेंगे
बेंगा कहता हैं मिलेंगे, मुझे पता था तू उठते ही सबसे पहले यहीं पूछेगा
गोंगु क्या करू
"पैसा सोच हैं, पैसा शबाब हैं "पैसा मेरे पास आयेगा तभी तभी तो मैं नबाव हैं "